Uttarakhand weather updates: उत्तराखंड के इन जिलों में तेज बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

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Uttarakhand Weather Forecast: उत्तराखंड में अभी मानसून ने एंट्री नहीं की है लेकिन चक्रवात बिपरजॉय के गुजरात पहुंचने के बाद इसका असर उत्तर भारत के राज्यों में भी दिखाई

उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, उधम सिंह नगर, नैनीताल और चंपावत जिले में अगले 48 घंटे के दौरान बारिश होने और आकाशीय बिजली गिरने के आसार हैं। मौसम विभाग (Uttarakhand weather updates) ने सोमवार के लिए ऑरेंज अलर्ट और अगले तीन दिनों के लिए राज्य में येलो अलर्ट जारी किया है

उत्तराखंड में अभी मानसून ने एंट्री नहीं की है लेकिन चक्रवात बिपरजोय के गुजरात पहुंचने के बाद इसका असर उत्तर भारत के राज्यों में भी दिखाई दे रहा है। देहरादून में कुछ स्थानों पर रविवार को बारिश हुई तो कहीं-कहीं उमस के कारण लोगों को चिपचिपी गर्मी झेलनी पड़ी।

रुड़की, ऋषिकेश में हल्की बारिश के कारण गर्मी से कुछ हद तक राहत मिली। सोमवार को तेज बारिश आकाशीय बिजली चमकने, ओलावृष्टि और कहीं-कहीं 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार मौसम का मिजाज देखते हुए सोमवार को ऑरेंज अलर्ट और इसके बाद 3 दिन का येलो अलर्ट है। चक्रवाती तूफान बिपरजोय का अप्रत्यक्ष असर उत्तराखंड में मौसम में बदलाव के रूप में दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग की के पूर्वानुमान के अनुसार गंगोत्री धाम सहित गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में रविवार को बारिश हुई।

सोमवार को भी हल्की बारिश के साथ झोंकेदार हवाएं चलने के आसार हैं। मौसम विभाग में चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को मौसम का अपडेट लेकर यात्रा करने की हिदायत दी है। बरसात के मौसम के मद्देनजर केदारनाथ धाम में एहतियातन तीर्थयात्रियों की संख्या कम करने के लिए प्रशासन ने तैयारी की है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार केदारनाथ यात्रा को निर्विघ्न संचालित करने के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पब्लिक एड्रेस सिस्टम विकसित किया जाएगा।

पैदल मार्ग के पढ़ाओ पर लाउडस्पीकर के जरिए यात्रियों को रास्ते के बारे में जानकारी दी जाएगी। बरसात के समय प्रतिदिन छह हजार यात्री ही धाम में दर्शन के लिए जा सकेंगे। यात्रा मार्ग में चिन्हित संवेदनशील स्थानों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट कोर्स और पुलिस के जवान तैनात किए जाएंगे। जो 30 यात्रियों को सुरक्षित रास्ता पार कराएंगे। तेज बारिश होने या मार्ग बंद होने की स्थिति में सोनप्रयाग व केदारनाथ से यात्री नहीं छोड़े जाएंगे।