UPCL: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई, विरोध में उद्यमियों ने उठाए सवाल

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उत्तराखंड में बिजली दरों को लेकर उद्यमियों व आमजन विरोध में हैं। आज बुधवार को बिजली टैरिफ पर पुनर्विचार को लेकर दायर याचिका पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई थी। इस दौरान आम उपभोक्ताओं व इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों ने कई सवाल उठाए। इस दौरान कुल 22 उपभोक्ता व उद्यमियों ने अपनी बात रखी। उद्यमियों का कहना है कि समाधान की कभी भी कोई कोशिश नहीं हुई है।
देहरादून। बिजली टैरिफ पर पुनर्विचार को लेकर दायर याचिका पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान आम उपभोक्ताओं व इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों ने कई सवाल उठाए।

उद्यमियों ने कहा कि उद्योगपति समस्याओं को प्राथमिकता के रूप में रखते जा रहे हैं लेकिन साल-दर साल केवल समस्या और विद्युत रेट बढ़ रहे हैं। समाधान की कभी भी ईमानदारी से कोई कोशिश नहीं हुई है। इस दौरान कुल 22 उपभोक्ता व उद्यमियों ने अपनी बात रखी।

समय के अंतर्गत नहीं है रिव्यू पिटीशन

इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार भाटिया ने कहा कि जो रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई है वह समय के अंतर्गत नहीं है। वह समय बीत जाने के उपरांत ही दाखिल की गई है। यह खारिज करने योग्य है।

इसके साथ-साथ यह भी अवगत कराया गया की जब एक वर्ष की अवधि के लिए टैरिफ को घोषित कर दिया गया है तो उसे अवधि के अंदर दोबारा रिव्यू करने का अधिकार आयोग का नहीं है। यदि यूपीसीएल को किसी प्रकार का बदलाव करवाना है तो वह आयोग के आदेश के विपरीत अपील कर सकते थे।

सेलाकुई में 220 केवीए के सब स्टेशन स्थापित करने पर समाधान नहीं

सुनील उनियाल, अध्यक्ष इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ उत्तराखंड ने कहा कि वर्षों से सेलाकुई में 220 केवीए के सब स्टेशन स्थापित करने की कई मंचों से मांग की गई लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।

हर बरसात में सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र के लिए आने वाले लंबी विद्यत लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है जिससे समूचे औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत संकट पैदा होता है। मुख्यमंत्री से एक बार फिर उद्यमियों का आग्रह है कि वह उद्योगपतियों की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दें।

महंगी बिजली का अनावश्यक भार

प्रेमनगर निवासी वीरु बिष्ट ने कहा कि स्ट्रीट लाइट में बिजली चोरी हो रही है। दिन में भी लाइट जली रहती है। नुकसान रोकने को टाइमर का इस्तेमाल होना चाहिए। व्यापारी अनिल गोयल ने कहा कि व्यापारियों पर महंगी बिजली का अनावश्यक भार डाला जा रहा है। इससे स्वरोजगार के मौके घटेंगे।

इस पर यूपीसीएल निदेशक अजय अग्रवाल ने दावा करते हुए कहा कि देश में सबसे सस्ती बिजली उत्तराखंड में है। लाइन लॉस भी अन्य राज्यों से कम है।

इस दौरान उपभोक्ता मनीष सिंह, पवन अग्रवाल राजीव गुप्ता, अरविंद जैन, चंद्रमोहन गोयल, राजेश्वरी रावत ने सवाल उठाए। आयोग की ओर से सुनवाई में कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद, सदस्य अनुराग शर्मा, सचिव नीरज सती आदि मौजूद रहे।