Rishikesh: आइडीपीएल खाली कराने पुलिस फोर्स संग पहुंची प्रशासन की टीम, ध्वस्तीकरण शुरू; लोगों ने लगाया जाम
Rishikesh आइडीपीएल परिसर को खाली कराने के लिए भारी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन की टीम पहुंची। परिसर में भवनों को तोड़ने की कार्रवाई रविवार की सुबह शुरू कर दी गई। मौके पर लोग कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत नागरिकों के समर्थन में उतर गए हैं।
Rishikesh News: आइडीपीएल परिसर को खाली कराने के लिए भारी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन की टीम पहुंची। मौके पर लोग कार्रवाई का विरोध करते दिखे। परिसर में भवनों को तोड़ने की कार्रवाई रविवार की सुबह शुरू कर दी गई।
भारी विरोध को देखते हुए पुलिस और वन विभाग की ओर से बड़ी संख्या में फोर्स मौके पर तैनात किया गया है। ऑफिसर कॉलोनी से भवनों को तोड़ने का कार्य शुरू किया गया है। करीब 10 भवन अब तक तोड़े जा चुके हैं। कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय नागरिकों ने हरिद्वार मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। प्रशासन की ओर से इस मार्ग पर ट्रैफिक को एम्स और श्यामपुर बाईपास रोड पर डायवर्ट किया गया है।
प्रशासन की टीम जब कार्रवाई के लिए यहां पहुंची तो 74 वर्षीय बुजुर्ग अनिल कुमार टंडन ने आगे बढ़कर इसका विरोध किया। इस दौरान भीड़ के बीच वह लड़खड़ा कर जमीन पर गिर गए और उनके सिर में चोट आई। उन्हें राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है।
कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे अपर जिलाधिकारी प्रशासन एसके बरनवाल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की मदद से जेसीबी और पोकलेंड मशीन मनाई गई है। अभी खाली भवनों को तोड़ा जा रहा है। मौके पर एसडीएम ऋषिकेश सौरभ असवाल, पुलिस अधीक्षक देहात कमलेश उपाध्याय, एसीएफ स्पर्श काला,सीओ ऋषिकेश संदीप नेगी आदि मौजूद है।
स्थानीय लोगों ने कैबिनेट मंत्री के आवास के घेराव की चेतावनी दी है, स्थिति तनावपूर्ण बनी है।
हरक ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और मुख्यमंत्री को दी चुनौती
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने आइडीपीएल बचाव संघर्ष समिति के धरना प्रदर्शन में पहुंचकर समर्थन दिया और कहा कि सरकार आइडीपीएल आवसीय कालोनी में रहने वाले लोगों को बेघर ना करें या इन परिवारों के लिए छत देने की व्यवस्था किसी योजना से करें। उन्होंने खुले मंच से इस मामले में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चुनौती दी।
शनिवार को आइडीपीएल बचाओ संघर्ष समिति के धरना प्रदर्शन में पहुंचकर पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने अपना समर्थन दिया और कहा कि सरकार चाहे तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी जनहित में सही रास्ता निकालने का प्रयास कर सकती है, लेकिन भाजपा सरकार जिस तरह गूंगे बहरो की तरह जनता की परवाह नहीं कर रही है।
उसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे और हरक सिंह रावत व्यक्तिगत रूप से आइडीपीएल कालोनी वासियों की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। इस दौरान आवासी कल्याण समिति की अध्यक्ष रामेश्वर चौहान, सचिव सुनील कुटलैहडिया, कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, राकेश अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
मंत्री के घर के बाहर डालेंगे के डेरा
डा. हरक सिंह रावत के समर्थन देने के दौरान महिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष अंशुल त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि आइडीपीएल कालोनी से लोगों की भावनाएं जुड़ी है। सरकार हिटलर शाही चला रही है, इसके चलते आइडीपीएल कालोनी में रहने वाली सभी महिलाओं के साथ स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के घर के पास पहुंचकर चूल्हा-चोका ले कर डेरा डालने का काम करेगी।
मानसून सत्र तक खाली ना कराए आवास
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से आइडीपीएल मामले को लेकर स्थानीय लोग ने मुलाकात की। उन्होंने मानसून सत्र तक आवास को खाली ना कराए जाने की मांग की। इस पर मंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून से फोन पर वार्ता की और उन्हें मानवीय दृष्टि अपनाते हुए मानसून तक इस और कार्यवाही रोकने को कहा।
खाली भवनों पहले होगा ध्वस्तीकरण
आइडीपीएल परिसर को खाली कराने संबंधित जिलाधिकारी देहरादून के आदेश पर रविवार से अमल होगा। जिला प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी करने के बाद उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल ने पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक रूपरेखा तैयार की।
उन्होंने बताया कि रविवार से आइडीपीएल परिसर में खाली भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की जाएगी। उधर प्रबंधन की ओर से सभी अधिकारी आवाज खाली करा दिए गए हैं। बैठक में नगर आयुक्त राहुल गोयल, सीओ ऋषिकेश संदीप नेगी, तहसीलदार चमन सिंह, वरिष्ठ उप निरीक्षक डीपी काला आदि मौजूद रहे।