पौड़ी को ‘ऑपरेशन मुक्ति’ से मिलेगी मुक्ति

Spread the love

जिलाधिकारी ने दिये बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों का केस-टू-केस सर्वे करने के निर्देश’’

‘‘बच्चों का भिक्षावृत्ति में संलिप्तता का मूल कारण, पारिवारिक स्थिति, उनकी शिक्षा और बाल साइकोलॉजी सभी का
गहन अध्ययन करते हुए एक माह में विवरण प्रस्तुति के दिये निर्देश’’

जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में ‘ऑपरेशन मुक्ति’ के अंतर्गत भिक्षावृत्ति से मुक्त कराये गये बच्चों के पुनर्वास के संबंध में संबंधित विभागों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, बाल कल्याण समिति, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि अधिकारियों को बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त सभी बच्चों का उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, बाल साइकोलॉजी, स्कूलिंग की स्थिति इत्यादि का केस-टू-केस सर्वे करते हुए एक माह में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने भिक्षावृत्ति का मूल कारण को जानने, भिक्षावृत्ति के साथ-साथ कितने बच्चे नशे में लिप्त हैं तथा पारिवारिक माहौल कैसा है, स्कूलिंग ठिक से हो रही है या नहीं, स्कूल ड्रापआउट कितने हुए आदि सभी का गहनता से सर्वे करते हुए विवरण देने को कहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व में बाल भिक्षावृत्ति के अंतर्गत चिन्हित किये गये 134 ऐसे बच्चों जिनकी स्कूलिंग करवायी जा रही थी, उन बच्चों का सत्यापन करें कि उसमें से कितने बच्चों की वर्तमान समय में भी स्कूलिंग हो रही है तथा कितने ड्रापआउट हैं, यदि उसमें कुछ ड्रापआउट हुए हैं तो उसका क्या कारण है? उन्होंने कहा कि इस बात को भी देखा जाय कि ऐसे बच्चों की पारिवारिक स्थिति कैसी है? घरेलू माहौल कैसा है? माता-पिता का आचरण कैसा है? भिक्षावृत्ति माता-पिता की सहमति से तो नहीं करवायी जा रही है? या मजबूरी के चलते हो रही है? इत्यादि का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की स्कूलिंग हो भी रही है उनके साथ विद्यालय में पढाई-लिखाई में तथा बर्ताव में कोई दोयम दर्जे का व्यवहार तो नहीं हो रहा है; यह भी देखा जाय। साथ ही बाल भिक्षावृत्ति वाले स्कूलिंग कर रहे बच्चों को विद्यालय में समानता का और सहजता का वातावरण मिल सके इसके लिए उन विद्यालयों के प्रबंधकों व संचालकों के साथ भी समन्वय बैठक आयोजित की जाय तथा ऐसे बच्चों के मार्ग में जो भी अवरोध आ रहे हैं उनको दूर करने के सुझाव और उपाय भी प्रस्तुत किये जायें।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे व अलग-अलग क्षेत्रों से उपजिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े हुए थे तथा कलेक्ट्रेट सभागार में जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद उनियाल, बाल विकास अधिकारी देवेंद्र थपलियाल, पुलिस निरीक्षक आर0एस0 खोलिया, उपनिरीक्षक सुमनलता, जिला बाल कल्याण समिति से अशोक बौड़ाई व सुशील नौटियाल सहित संबंधित कार्मिक उपस्थित थे।