Kotdwara Rain: कोटद्वार में भारी बारिश से उफान पर खोह, गिरने की कगार पर सिद्धबली पुल; प्रशासन की बढ़ी चिंता

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Kotdwara Rain कोटद्वार में भारी बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। खोह नदी उफान पर है। खोह नदी ने सिद्धबली मंदिर की ओर आने वाले पुल के एक पिलर की बुनियाद को खोखला कर दिया है। यदि नदी पुन उफान पर आई तो पुल का धराशायी होना तय है। नदी के तेज बहाव के चलते पुल का पिलर क्षतिग्रस्त हो गया है।

कोटद्वार में बीती आठ अगस्त व 13 अगस्त की रात उफान पर आई खोह नदी ने सिद्धबली मंदिर की ओर आने वाले पुल के एक पिलर की बुनियाद को खोखला कर दिया है। यदि नदी पुन: उफान पर आई तो पुल का धराशायी होना तय है। कोटद्वार में वर्ष 2017 से 2021 के मध्य चैनेलाइजेशन के नाम पर हुए अवैध खनन के दौरान खोह नदी में बड़े-बड़े गड्ढे खोद दिए गए।

नियमों को ताक में रख हुए इस खनन का खामियाजा नदी से लगे गाड़ीघाट, काशीरामपुर तल्ला क्षेत्र की जनता आज भी भुगत रही है। खननकारियों ने सिद्धबली मंदिर की ओर जाने वाले पुल के नीचे भी खनन गतिविधियों को अंजाम देते हुए पुल के पिलरों की नींव को भी खंगाल दिया था।

खोह नदी के तेज बहाव ने पहुंचाई क्षति

लोक निर्माण विभाग की दुगड्डा इकाई ने पुल को बचाने के लिए पिलरों की प्लेटफार्म पर सुरक्षा प्रबंध किए। लेकिन, बीती आठ अगस्त व 13 अगस्त की रात हुई मूसलाधार वर्षा के दौरान पर खोह नदी के तेज बहाव के आगे लोनिवि की ओर से किए गए तमाम सुरक्षा उपाय धरे के धरे रह गए। नदी के तेज बहाव के कारण नदी के मध्य हिस्से में मौजूद एक पिलर का प्लेटफार्म क्षतिग्रस्त हो गया है व नदी प्लेटफार्म की बुनियाद के नुकसान पहुंचा रही है।

अगर नदी उफान पर आई तो धराशायी हो जाएगा पुल

यदि आने वाले दिनों में नदी पुन: उफान पर आई तो सिद्धबली पुल का धराशायी होना तय है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि क्षेत्र में सिद्धबली मंदिर की ओर जाने वाले पुल के साथ ही अन्य पुलों पर भी सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। बताया कि वैकल्पिक उपाय के रूप में नदी की दिशा को बदल पिलर को बचाया जाएगा।