धारचूला में छह वर्षों बाद भी पूरा न हो सका गस्कू-कुरीला सड़क, दर्जनों गांव प्रभावित; आंदोलन की दी चेतावनी
छह वर्ष पहले शुरू हुई गस्कू- कुरीला सड़क अब तक पूरी नहीं पाई है। सड़क पूरी नहीं होने से चौदास घाटी के दर्जनों गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं। कई बार अधूरी सड़क काे पूरा करने की मांग उठाने के बाद भी सड़क निर्माण पूरा नहीं कराए जाने से खिन्न ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। चौदास घाटी के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं।
संवाद सूत्र, धारचूला: सड़क सुविधा का सपना अब तक अधूरा रहा। छह वर्ष पहले शुरू हुई गस्कू-कुरीला सड़क अब तक पूरी नहीं पाई है। सड़क पूरी नहीं होने से चौदास घाटी के दर्जनों गांव सड़क सुविधा से अभी भी वंचित हैं। कई बार अधूरी सड़क काे पूरा करने की मांग उठाई गई। मांग उठाने के बाद भी सड़क निर्माण पूरा नहीं कराए जाने से खिन्न ग्रामीणों ने अब आंदोलन की चेतावनी दी है।
एनपीसीसी को दिया गया था सड़क निर्माण का जिम्मा
चौदास घाटी के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव अभी सड़क सुविधा से वंचित हैं। इन गांवों को सड़क की सुविधा देने के लिए छह वर्ष पूर्व गस्कू- कुरीला सड़क का काम शुरू किया था। 22 किलोमीटर (किमी.) लंबी इस सड़क के निर्माण का जिम्मा एनपीसीसी को दिया था।
छह वर्ष में मात्र बारह किलोमीटर तैयार हो सकी सड़क
छह वर्ष में कंपनी मात्र 12 किलोमीटर सड़क तैयार कर सकी है। अधूरी सड़क के चलते लोगों को आवागमन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ मर्तालिया ने कहा है कि वह आठ से दस बार एनपीसीसी के अधिकारियों से अधूरी सड़क को पूरा कराये जाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। अधिकारी हर बार नया बहाना बना रहे हैं।
उप जिलाधिकारी ने कार्य को पूरा करने का दिया भरोसा
आज उन्होंने धारचूला में उप जिलाधिकारी दिवेश शासनी के सामने मामला रखा और अधूरी सड़क को शीघ्र पूरा कराए जाने की मांग की। उप जिलाधिकारी ने इस मामले में एनपीसीसी अधिकारियों से वार्ता कर अधूरे कार्य को पूरा कराए जाने का भरोसा दिया है।