उत्तराखंड में शुरू किया जाएगा ड्रोन पाठ्यक्रम का डिप्लोमा कोर्स, सरकार का 10 हजार रोजगार सृजित करने का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ड्रोन को भविष्य की संभावनाओं वाले प्रमुख क्षेत्र के रूप में देख रही है। इस क्षेत्र में 10 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार ने ड्रोन के क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को पहले से ही प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए ड्रोन पाठ्यक्रम के तीन माह व छह माह के डिप्लोमा कोर्स कराने का निर्णय लिया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो: प्रदेश सरकार ड्रोन को भविष्य की संभावनाओं वाले प्रमुख क्षेत्र के रूप में देख रही है। सरकार ने इस क्षेत्र में 10 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार ने ड्रोन के क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को पहले से ही प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए ड्रोन पाठ्यक्रम के तीन माह व छह माह के डिप्लोमा कोर्स कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए जल्द ही विभिन्न आईटीआई और पॉलिटेक्निक को चिह्नित किया जाएगा। यहां युवाओं को ड्रोन निर्माण से लेकर इसे ठीक करने तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रदेश में ड्रोन का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। विवाह समारोह से लेकर तमाम सरकारी योजनाओं व कार्यों में ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में सरकार इसे रोजगार प्रदान करने व निवेश को आकर्षित करने की प्रमुख संभावना के रूप में देख रही है।
इस कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने उत्तराखंड ड्रोन प्रोत्साहन एवं उपयोग नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति के जरिये प्रदेश में 10 हजार युवाओं को ड्रोन सेवा के क्षेत्र में रोजगार देने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश सरकार युवाओं को ड्रोन के क्षेत्र में प्रशिक्षित करेगी।
इस कड़ी में आईटीआई और पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा कोर्स चलाए जाएंगे। ये सभी कोर्स डीजीसीए (डायरेक्ट जनरल सिविल एविएशन) कार्यालय से स्वीकृत होंगे। इसके अंतर्गत प्रशिक्षुओं को ड्रोन डिजाइन करना, ड्रोन का निर्माण करना, इसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की जानकारी, ड्रोन को ठीक करने, ड्रोन को उड़ाने, ड्रोन लाइसेंस लेने संबंधी प्रक्रिया आदि विषयों की जानकारी दी जाएगी।
साथ ही निकट भविष्य में मौजूदा व नए शैक्षणिक संस्थानों में ड्रोन स्कूल भी खोले जाएंगे। अपर सचिव सूचना प्रौद्योगिकी निकिता खंडेलवाल का कहना है कि नीति में इसकी व्यवस्था की गई है।