आस्था पथ पर श्रद्धालुओं की ‘परीक्षा’, बारिश में भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय होने से Chardham Yatra मार्गखतरनाक
Chardham Yatra 2023 चारधाम यात्रा मार्ग इन दिनों श्रद्धालुओं के लिए चुनौती बने हुए हैं। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन से सर्वाधिक प्रभावित है। वर्षाकाल में अब तक बदरीनाथ राजमार्ग विभिन्न स्थानों पर 80 से 150 घंटे तक अवरुद्ध रहा है। जबकि गौरीकुंड (केदारनाथ) राजमार्ग 135 और यमुनोत्री राजमार्ग 250 घंटे बंद रहा। वहीं मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगले चार दिन वर्षा जारी रहेगी।
Chardham Yatra 2023: चारधाम यात्रा मार्ग इन दिनों श्रद्धालुओं के लिए चुनौती बने हुए हैं। वर्षाकाल में सक्रिय हुए भूस्खलन क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने पर भी पहाड़ी से पत्थरों की बरसात हो रही है। इससे यात्रा मार्ग बार-बार अवरुद्ध हो रहे हैं और कई बार यात्रियों को घंटों तक उनके खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है।
वर्षाकाल में अब तक बदरीनाथ राजमार्ग विभिन्न स्थानों पर 80 से 150 घंटे तक अवरुद्ध रहा है। जबकि, गौरीकुंड (केदारनाथ) राजमार्ग 135 और यमुनोत्री राजमार्ग 250 घंटे बंद रहा। इस दौरान दर्जनभर से अधिक वाहन भी पत्थर और मलबे की चपेट आए। इन हादसों में दो व्यक्तियों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए। इसलिए चारधाम दर्शन को आ रहे हैं तो यात्रा में अतिरिक्त सावधानी बरतें।
परेशानी खड़ी कर रहे सात भूस्खलन क्षेत्र
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन से सर्वाधिक प्रभावित है। चमोली जिले में गौचर से बदरीनाथ धाम तक यह राजमार्ग 131 किमी लंबा है। संपूर्ण मार्ग पर सात भूस्खलन क्षेत्र परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इनमें तीन (छिनका, पीपलकोटी और कमेड़ा) नए हैं, जो इसी वर्ष चारधाम आलवेदर रोड निर्माण के दौरान सक्रिय हुए।
जबकि, पिछले कई वर्षों से सक्रिय लामबगड़ भूस्खलन क्षेत्र के उपचार की कार्ययोजना तैयार की जा रही है और पागलनाला व कंचनगंगा में पुल का निर्माण होना है। इस राजमार्ग का करीब 25 किमी हिस्सा रुद्रप्रयाग जिले में भी पड़ता है। यहां सिरोबगड़ में वर्षा नहीं होने पर भी पहाड़ी से पत्थर गिरते रहते हैं। इसके समाधान के लिए 300 करोड़ रुपये से बाईपास बन रहा है, जिसका 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।
उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर डाबरकोट चुनौती बना हुआ है। यमुनोत्री धाम से 28 किमी पहले 600 मीटर लंबा यह भूस्खलन क्षेत्र वर्ष 2017 से सक्रिय है। यहां पर राजमार्ग 21 जुलाई की रात से अवरुद्ध है। वैकल्पिक मार्ग के निर्माण में ढाई करोड़ से अधिक धनराशि खर्च हो चुकी है, मगर अब तक वह पूरा नहीं हो पाया। रुद्रप्रयाग में 76 किमी लंबे गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर तरसाली भूस्खलन क्षेत्र बीते 20 वर्ष से परेशानी बना हुआ है।
चारधाम यात्रा मार्ग पर प्रमुख भूस्खलन क्षेत्र
- बदरीनाथ राजमार्ग
- भूस्खलन क्षेत्र, सड़क बंद रही (घंटे में)
- कमेड़ा, 82
- पर्थाडीप, 96
- चाड़ा, 120
- छिनका, 150
- पीपलकोटी, 120
- पागलनाला, 130
- लामबगड़, 40
- कंचनगंगा, 120
- सिरोबगड़, 82
- गौरीकुंड राजमार्ग
- तरसाली, 135
- यमुनोत्री राजमार्ग
- डाबरकोट, 250
इन बातों का रखें ध्यान
- वर्षाकाल में पहाड़ में धुंध-कोहरा दृश्यता कम कर देते हैं, इस समय यात्रा से बचें।
- भूस्खलन क्षेत्र में जल्दबाजी न करें।
- साइन बोर्ड पर नजर रखें, खतरनाक स्थानों पर सावधानी पूर्वक चलें।
- राजमार्ग अवरुद्ध होने पर नजदीकी सुरक्षित कस्बों में ठहरें।