आयुष विभाग के गजब कारनामे, चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए रख दिए सारे नियम तांक पर
देहरादून, कोरोना को लेकर भले ही देशभर में महज जागरूकता अभियान चलाकर विभाग अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हो ।। लेकिन उत्तराखंड का आयुष विभाग एक बार फिर कोरोना को लेकर खासा मुस्तैद दिखाई दे रहा है, विभाग के अधिकारियों ने करोड़ों रुपए की लागत से आयुष 64 किट खरीद कर खुद अपनी पीठ थपथपा रहा है जबकि स्वास्थ्य विभाग की अन्य विंग्स में कोरोना को लेकर कोई खास खरीदारी नहीं की जा रही है।।आलम यह है कि अधिकारी दो बार टेंडर करके कंपनियों को काम भी आवंटित कर देते हैं लेकिन टेंडर की शर्तों को इत्मीनान से पूरा भी नहीं कराते हैं यह जल्दबाजी कुछ और नहीं सिर्फ 31 मार्च की प्रतीत होती है दरअसल विभाग में मौजूद बजट 31 मार्च को लैब्स ना हो जाए लिहाजा अधिकारियों ने कोरोना के नाम पर करोड़ों रुपए की दवाएं तक खरीद डाली आपको बता दें कि विभाग ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा की आयुष 64 किट के क्रय आदेश भी जारी कर दिया आपको बता दें कि जहां एक तरफ विभाग ने अपने टेंडर में भारत सरकार व राज्य सरकार के पीएसयू को इसमें प्रतिभाग के लिए अधिकृत किया गया था जबकि कोऑपरेटिव सोसाइटी को भी इसमें सम्मिलित किया गया जिस ऐसा प्रतीत होता है कि टेंडर में बड़ी चूक हुई है हालांकि निदेशक आयुष डॉक्टर अरुण त्रिपाठी ने बताया कि संबंधित कोऑपरेटिव सोसाइटी मध्य प्रदेश सरकार से अनुबंधित है लिहाजा इसलिए संबंधित कोऑपरेटिव सोसाइटी को दवाओं के क्रय आदेश जारी किए गए हैं उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी संबंधित कंपनी से दवाई करें होती रही है।।