एक मंत्री ऐसे भी, सौरभ बहुगुणा में फिर दिखी एक विशेष “जननेता” की झलक
देहरादून: राज्य के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा के निर्णयों से कई बार यह साबित हुआ है कि उनकी कार्यशैली में एक “मंत्री” की झलक कम और “जनता के मित्र” की झलक अधिक है। ऐसा बहुत कम होता है कि ट्विटर पर एक जानकारी का त्वरित संज्ञान लेते हुए जनहित में किसी नियम को ही बदल दिया जाए। ताजा मामला जनपद चमोली के ग्राम सुगी के एक परिवार से जुड़ा है।
दरअसल, एक जून की रात को ग्राम सुगी के रहने वाले दयाल सिंह पुत्र मूसा सिंह की 36 बकरियों पर गुलदार ने हमला कर दिया। इस भीषण हमले में सभी बकरियों ने दम तोड़ दिया। इस मामले के बारे में अजित सिंह जी और राम दत्त नाम के सज्जनों ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्री सौरभ बहुगुणा और पशुपालन विभाग को सूचित किया।
हमेशा की तरह सौरभ बहुगुणा ने इस मामले का त्वरित संज्ञान लेते हुए विभागीय सचिव बीआर पुरुषोत्तम को उचित दिशा निर्देश दिए। बस थोड़ी ही देर में निर्णय लिया गया कि “उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड” के माध्यम से दयाल सिंह के परिवार को सहायता राशि दी जाएगी। अब मंगलवार को घोषणा के अनुसार बोर्ड के माध्यम से रुपए 2000 प्रति बकरी की दर से रुपए 72,000 की सहायता धनराशि प्रदान की जा चुकी है।
दयाल सिंह तथा श्रीमती स्मिता देवी, प्रधान ग्राम सूगी ने मंत्री सौरभ बहुगुणा का इस प्रभावी कार्रवाई के लिए धन्यवाद किया है। सौरभ बहुगुणा ने अपने इस निर्णय से कुशल नेतृत्व का एक और उदाहरण पेश किया है। उन्होंने बताया है कि “मंत्री” और “जनता” के बीच की दूरी अब पूरी तरह खत्म हो चुकी है। यह वाकई उत्तराखंड में एक ऐसे युग की शुरुआत है, जहां मंत्री अपने प्रदेशवासियों की हर बात को सुनने के लिए आतुर हैं।