Uttarakhand: 48 घंटे बाद भी नहीं खुल पाया नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग, आवाजाही पूरी तरह से बंद
Kotdwar News मंगलवार सुबह करीब सात बजे बंद हुआ नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग 48 घंटे बाद भी यातायात के लिए नहीं खोला जा सका। मंगलवार को हुई अतिवृष्टि के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य कई स्थानों पर राजमार्ग में मलबा व बड़े बोल्डर आ गए थे। इधर राजमार्ग बंद होने के बाद भी मंगलवार पूरे दिन लोग जान जोखिम में डाल राजमार्ग पर पैदल सफर करते रहे।
कोटद्वार: मंगलवार सुबह करीब सात बजे बंद हुआ नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग 48 बाद भी यातायात के लिए नहीं खोला जा सका। मंगलवार को हुई अतिवृष्टि के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य कई स्थानों पर राजमार्ग में मलबा व बड़े बोल्डर आ गए थे।
इधर, राजमार्ग बंद होने के बाद भी मंगलवार पूरे दिन लोग जान जोखिम में डाल राजमार्ग पर पैदल सफर करते रहे। लेकिन, बुधवार को पुलिस ने पैदल आवाजाही पर भी रोक लगा दी। बताते चलें कि आठ अगस्त व 13 अगस्त को हुई अतिवृष्टि से कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति काफी बिगड़ गई थी।
अतिवृष्टि के कारण बाधित हुआ राजमार्ग
राजमार्ग विभाग ने किसी तरह राजमार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए खोला। लेकिन, मंगलवार सुबह हुई अतिवृष्टि ने एक बार फिर राजमार्ग को बाधित कर दिया। जगह-जगह मलबा व बोल्डर आने से मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद हो गया।
विभाग ने कोटद्वार व दुगड्डा की ओर से अलग-अलग पोकलैंड मशीनें लगा कर मार्ग खोलने का कार्य शुरू किया दिया। लेकिन, आमसौड़ में ढ़ाबे से पहले पहाड़ी से आए भारी बोल्डरों व मलबे को हटाने में विभाग को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस स्थान पर जहां एक ओर सड़क में घुटनों तक मलबा बह रहा है, इधर, मंगलवार को कई लोग जान जोखिम में डाल मलबे से गुजरते नजर आए।
जिसके बाद बुधवार को पुलिस ने पैदल आवाजाही पर भी रोक लगा दी। दुगड्डा चौकी प्रभारी सूरत शर्मा ने बताया कि कई लोग चोरी-छिपे जंगल के रास्ते से होकर कोटद्वार की ओर जाने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि खतरनाक हो सकता है।