Dehradun News: हाथियों से परेशान ग्रामीणों ने किया रेंजर का घेराव, आंदोलन की दी चेतावनी
Dehradun News देहरादून में हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से सटे गांवों में आए दिन हाथी किसानों की फसल बर्बाद कर दे रहे हैं। हाथियों के आतंक से किसानों का काफी नुकसान हो रहा है। किसान कई दिन से वन विभाग में शिकायत कर रहे थे। कार्रवाई नहीं होने पर बुधवार को किसानों और ग्रामीणों ने रेंजर का ही घेराव कर लिया।
उत्तराखंड में जंगली जानवरों के प्रकोप से ग्रामीण दहशत में हैं। कभी बाघ, कभी तेंदुआ तो कभी हाथी लोगों पर हमला कर रहे हैं। हाथियों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने बुधवार को रेंजर को ही घेर लिया। दरअसल राजाजी टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से सटे बुल्लावाला, झबरावाला,दूधली, सिमलासग्रांट आदि ग्रामीण क्षेत्र में लगातार हाथी किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
हाथियों की ओर से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने से नाराज किसानों ने रामगढ़ रेंज के अंतर्गत बुल्लावाला स्थित वन चौकी पर पहुंचकर अपनी नाराजगी जताई। साथ ही मौके पर पहुंचे रेंजर जयपाल सिंह रावत का घेराव कर समस्या के जल्द समाधान न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
वन विभाग न मुआवजा दे रहा न हाथियों पर कार्रवाई कर रहा
स्थानीय ग्रामीण जावेद हुसैन, महताब अली ने कहा कि लगातार हाथियों ने किसानों की फसलें रौंद कर बर्बाद कर दी है। वन विभाग ना ही किसानों को कोई मुआवजा दे रहा है ना ही हाथियों की कोई रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा बाढ़ क्षतिग्रस्त पड़ी है। तो वही वन कर्मी गस्त में दिखाई नहीं दे रहे हैं।
वन विभाग की निष्क्रियता से परेशान हैं किसान
क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेंद्र तड़ियाल व परमानंद बलूनी ने कहा कि वन विभाग की निष्क्रियता के चलते लगातार हाथियों के झुंड किसानों की फसलों को रौंद रहे हैं। परंतु वन विभाग चिर निद्रा में सोया हुआ है। प्रशासन जंगली जानवरों से हमारी फसलों को नहीं बचा रहा है।
रेंजर ने दी सफाई
वहीं रेंजर जयपाल सिंह रावत ने बताया कि हाथियों की रोकथाम के लिए खाई खोदने कार्य आज से ही प्रारंभ कर दिया गया है। साथ ही सोलर फेंसिंग के लिए विभाग में बजट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। बजट मिलते ही सोलर फेंसिंग भी लगाई जाएगी। वहीं वन कर्मियों की गस्त भी बढ़ाई जा रही है। वन चौकी में घेराव करने वालों में बशारत अली, मोहम्मद हनीफ, कन्हैयालाल, विजेंदर, मासूम अली, मंगल रौथान, महफूज अली, याकूब अली, जाकिर हुसैन, याकूब अली, अकरम अली, अल्ताफ आदि कई ग्रामीण मौजूद रहे।