Dehradun : नेपाल बार्डर से उत्तराखंड आ रहे नागरिकों से सुरक्षा को खतरा; यह वजह आई सामने
नेपाल-उत्तराखंड सीमा पर सुरक्षा सरकार के समक्ष बड़ा मुद्दा है। नेपाल से उत्तराखंड में दाखिल होने के लिए किसी वीजा की जरूरत नहीं पड़ती ऐसे में कोई भी बार्डर पार कर उत्तराखंड में दाखिल हो जाता है। यात्रा सीजन में नेपाल के रास्ते हजारों नागरिक उत्तराखंड आते हैं इनमें से कई तो वह हाेते हैं जिनके पास कोई दस्तावेज तक नहीं होता।
नेपाल बार्डर से उत्तराखंड में दाखिल होने वाले नागरिकों से सुरक्षा को खतरा बना हुआ है। बार्डर से हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग दाखिल होते हैं। उनके पास न तो कोई वैध दस्तावेज नहीं होते वहीं पुलिस भी सत्यापन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर देती है।
बीते दिनों रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में आई आपदा में मृतक नेपाल मूल के व्यक्ति के दो नाम सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि वह गलत नाम बताकर रह रहा था। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां अब जांच में जुट गई हैं।
नेपाल-उत्तराखंड सीमा पर सुरक्षा सरकार के समक्ष बड़ा मुद्दा है। नेपाल से उत्तराखंड में दाखिल होने के लिए किसी वीजा की जरूरत नहीं पड़ती, ऐसे में कोई भी बार्डर पार कर उत्तराखंड में दाखिल हो जाता है। यात्रा सीजन में नेपाल के रास्ते हजारों नागरिक उत्तराखंड आते हैं, इनमें से कई तो वह हाेते हैं, जिनके पास कोई दस्तावेज तक नहीं होता। वह केवल ग्राम विकास कमेटी से पत्र लिखवाकर ले आते हैं और पुलिस भी उसे सच मानना पड़ता है।
सत्यापन के लिए नहीं कोई व्यवस्था
सरकार की ओर से प्रदेश में सत्यापन अभियान चलाया हुआ है, लेकिन जहां नेपाल के रास्ते श्रमिक बनकर उतराखंड आने वाले नागरिकों की बात आती है तो पुलिस बिना सत्यापन किए उन्हें ठहरने की इजाजत दे देती है। चारधाम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग नेपाल के रास्ते उत्तराखंड में आकर काम कर रहे हैं। जो नागरिक लंबे समय तक एक ही जगह रुकता है वह अपना उत्तराखंड के ही दस्तावेज बना लेता है।
गौरीकुंड हादसे में एक मृतक के दो नाम
गौरीकुंड में आई आपदा के कारण लापता हुए 23 में अब तक तीन व्यक्तियों के शव बरामद हुए हैं। इनमें से एक मृतक नरे कामी के नाम से रह रहा था। जबकि उसका असली नाम टेग बहादुर बताया गया।
दो मृतकों के पास कोई दस्तावेज नहीं मिले उनके हाथ पर गुदे देवी कामी और प्रकाश टम्टा के रूप में उनकी पहचान हुई। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि मृतक दो नाम से क्यों रह रहा था।
काम के सीजन में ठेकेदार के माध्यम से बड़ी संख्या में लोग नेपाल बार्डर से उत्तराखंड आते हैं, उनका सत्यापन करना जरूरी है। यह एक बड़ा मामला है, आने वाले समय में प्राथमिकता के आधार ऐसे व्यक्तियों की जांच करवाई जाएगी। जहां तक गौरीकुंड में हुए हादसे में मृत के दो नाम सामने आने की बात है तो रेस्क्यू पूरा होने के बाद इसकी भी जांच करवाएंगे।