ताले में कैद’ छह हजार ग्रामीणों का स्वास्थ्य, दर-दर भटक रही चिकित्सालय पर निर्भर क्षेत्र की छह हजार आबादी
रिखणीखाल ब्लाक के अंतर्गत ग्राम द्वारी निवासी 72 वर्षीय झीमा देवी बीमार हुईं। स्वजन उन्हें लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी पहुंचे लेकिन वहां चिकित्सालय पर ताले लटके थे। इसके बाद स्वजन उन्हें गांव से 60 किमी दूर स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल ले जाने के बजाय क्षेत्र के एक झोलाछाप के पास लेकर गए लेकिन शाम तक झीमा देवी ने दम तोड़ दिया।…
रिखणीखाल ब्लाक के अंतर्गत ग्राम द्वारी निवासी 72 वर्षीय झीमा देवी बीमार हुईं। स्वजन उन्हें लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी पहुंचे, लेकिन वहां चिकित्सालय पर ताले लटके थे। इसके बाद स्वजन उन्हें गांव से 60 किमी दूर स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल ले जाने के बजाय क्षेत्र के एक झोलाछाप के पास लेकर गए, लेकिन शाम तक झीमा देवी ने दम तोड़ दिया।
यह तस्वीर रिखणीखाल क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे पहाड़ की है। यहां स्टाफ और संसाधनों की कमी के कारण क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य केंद्रों का कोई लाभ नहीं मिल पाता। नतीजा इधर-उधर भटकने के चक्कर में मरीज की जान चली जाती है।
पिछले एक माह से लटके हैं ताले
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी पर पिछले एक माह से ताले लटके हैं। क्षेत्र की करीब छह हजार आबादी के इलाज का एकमात्र साधन इस स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना 70 के दशक में की गई। लेकिन, विडंबना देखिए कि इतने वर्ष बाद भी चिकित्सालय को अपना भवन नहीं मिल पाया है। वर्तमान में यह चिकित्सालय पंचायत भवन के एक कक्ष में संचालित हो रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार, एक साल पहले तक यहां चिकित्सक तैनात थे, लेकिन तैनाती के कुछ माह बाद ही वो पढ़ाई के नाम पर यहां से चले गए। एक माह पहले स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारी संभालने वाले फार्मेसिस्ट का भी तबादला कर दिया गया है। इतना ही नहीं, तीन साल पहले स्वास्थ्य केंद्र में तैनात वार्ड ब्वाय की सेवानिवृत्ति के बाद आज तक नए वार्ड ब्वाय की तैनाती नहीं हुई।
छह पद सृजित, तैनाती शून्य
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी में एक चिकित्सक, फार्मेसिस्ट, वार्ड ब्वाय, एएनएम, वार्ड आया और चौकीदार समेत कुल छह पद सृजित हैं, जबकि वर्तमान में यहां तैनाती शून्य है। इसके चलते स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगाने की नौबत आ गई है। यही कारण है कि चिकित्सालय पर निर्भर ग्रामीण मामूली उपचार के लिए भी 60 किमी की दूरी नापने को मजबूर हैं।
पौड़ी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीन कुमार के अनुसार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी के बंद होने के संबंध में जानकारी मिली है। संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलते ही स्वास्थ्य केंद्र में कर्मियों की तैनाती कर दी जाएगी।