मंत्री सौरभ बहुगुणा की कुशलता का एक और नतीजा, संदेश देने में कामयाब हुआ #SelfieWithPets कैंपेन
देहरादून: देवों की भूमि देवभूमि के युवा मंत्री सौरभ बहुगुणा निराश्रित जानवरों के लिए फरिश्ते से कम नहीं हैं। कम उम्र, अल्प अनुभव मगर समझदारी, बड़े बूढ़ों जैसी…सौरभ बहुगुणा के नेतृत्व में पशुपालन विभाग की पहल सेल्फी विद पेट्स (#selfiewithpets) रंग लाई है। लोगों ने अपनी और अपने पशुओं की कहानियां तो सुनाई ही सुनाई मगर अब आमजनों का मन निराश्रित जानवरों के प्रति और पिघला है।
दरअसल, पशुपालन विभाग द्वारा जून माह के अंतिम सप्ताह में एक कैंपेन रूपी नेक पहल शुरू की गई थी, जिसका नाम था “Selfie With Pets”… इस कैंपेन के माध्यम से लोगों को निराश्रित जानवरों के प्रति जागरुक करने का उद्देश्य था। कैंपेन में भाग लेने की प्रक्रिया पर पशुपालन विभाग द्वारा ये बताया गया था:
- सोशल मीडिया पर पशु के साथ की कहानी और सेल्फी साझा कीजिए
- इस पोस्ट में पशुपालन विभाग और मंत्री सौरभ बहुगुणा को मेंशन कीजिए
- साथ में #selfiewithpets हैशटैग का इस्तेमाल अवश्य कीजिए
- विभागीय टीम आपकी कहानी सुनकर उसे रिकॉर्ड कर प्रदेशवासियों तक पहुंचाएगी
बता दें कि अबतक इस कैंपेन के तहत 38 कहानियां कवर की जा चुकी हैं। फेसबुक पर कुल मिलाकर इस कैंपेन की विडियोज को अबतक 15 लाख व्यूज प्राप्त हुए हैं। कैंपेन की सबसे बड़ी सफलता यह है कि राज्य के कोने कोने में इसकी चर्चा हुई है। हर क्षेत्र से लोग पहल में भाग लेने के लिए आगे आए हैं। इतना ही नहीं बल्कि आज निराश्रित जानवरों का ख्याल रखने की दिशा में लोग कदम भी बढ़ाना शुरू कर चुके हैं।
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा मंच से बार बार यह अपील करते हैं कि पशु क्रूरता को वह और उनका विभाग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। कैंपेन पर उन्होंने कहा, ” #selfiewithpets का मकसद केवल अपने घर के पेट (Pet) के साथ फ़ोटो लेना नहीं था। #selfiewithpets का मकसद है कि हम निराश्रित पशुओं को सहारा दें।”
युवा मंत्री ने अपील की और कहा, ” निराश्रित पशुओं की सेवा करिए, उनको ठोकर मत मारिए। उनको चोट मत पहुंचाइए। हमने गाय को गौमाता का दर्जा दिया है। उनका ध्यान रखने की ज़िम्मेदारी भी हम ही लोगों की है। सभी निराश्रित जानवरों का ख्याल रखने का दायित्व भी हमारा है। हमें यह कर्तव्य निभाना ही होगा।”
गौरतलब है कि कैंपेन की सफलता के बाद एक बार फिर सौरभ बहुगुणा के नेतृत्व की चर्चा जोरों पर है। कई राजनीति पंडितों का मानना है कि सौरभ बहुगुणा अपने दादा हेमवती नंदन बहुगुणा के नक्शे कदम पर चलकर प्रदेश के लिए ऐतिहासिक काम कर सकते हैं। जनता को विश्वास है कि निराश्रित जानवरों के प्रति प्रेम भाव बढ़ाने के लिए पशुपालन विभाग की यह पहल भी एक नए युग की शुरुआत साबित होगी।