Haridwar News: हरिद्वार पहुंची बलूचिस्तान निर्वासित सरकार की PM, पाक के आतंक के लिए चीन को ठहराया जिम्मेदार
पाकिस्तान इस वक्त बलूचिस्तान के नागरिकों पर जुल्म कर रहा है। इसी जुल्म और बर्बरता से स्वतंत्रता की गुहार लगाने बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी हरिद्वार आई हैं। हरिद्वार में डॉ नायला कादरी ने पूजा अर्चना कर बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान ने दुष्कर्म केंद्र खोल दिए हैं।
बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की गुहार लगाने मां गंगा की शरण में पहुंची हैं। वह यहां पर चौधरी चरण सिंह वीआईपी घाट पर मां गंगा का विशेष पूजन हवन और दुधाभिषेक कर बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की प्रार्थना कर रही हैं।
धर्मनगर हरिद्वार पहुंचने पर उन्होंने उन्होंने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में पाकिस्तान के आतंक के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया हैं। प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने आरोप लगाया कि जो काम ब्रिटिश सरकार करती थी, अपनी स्वार्थ सिद्धि को अब वही काम चीन कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण सहित चीन को हर कार्य के लिए अपनी भूमि के उपयोग की अनुमति दे दी है।
बलूचिस्तान के नागरिकों के साथ हो रही बर्बरता
भावुक होते हुए प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने कहा कि इस वक्त बलूचिस्तान के नागरिकों के साथ जो हो रहा है उसके बारे में विश्व सोच भी नहीं सकता है। उसकी सोच से कहीं अधिक वहशीपना वहां के नागरिकों के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह के कृत्य कोई किसी इंसान के साथ नहीं किया जा सकता।
लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा है
बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने आरोप लगाया कि वहां लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ बर्बरता की जा रही है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में दुष्कर्म की फैक्ट्री खोल दी है। यहां महिलाओं को सिर्फ एक खिलौने की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
एक प्रश्न के उत्तर में बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ. नायला कादरी बलोच ने कहा कि बलूचिस्तान का बच्चा-बच्चा दहशतगर्दों और पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी चाहता है। पाकिस्तान ने यहां की जनता के साथ जो व्यवहार किया है उसे बयां कर पाना भी मुश्किल है।