भारत के अंतिम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे मंत्री धन सिंह रावत, दोहराया “लक्ष्य 2025” का संकल्प
देहरादून: राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और व्यवस्थाओं की विफलता हमेशा से एक बड़ा कारण रही है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के नेतृत्व में साल दर साल बेहतरीन बदलाव देखे गए हैं। उत्तराखंड सरकार ने वर्तमान में अपनी और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जी जान लगा दी है। खुद मंत्री धन सिंह रावत सक्रियता के साथ प्रदेश के दूरस्थ इलाकों का दौरा कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने में पीछे नहीं हैं।
अब सोमवार को कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत अपनी टीम के साथ चमोली जनपद में सीमा से सटे गांवों में सुविधाओं का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने पहले जोशीमठ के पास भारत-तिब्बत सीमा के पास, समुद्रतल से लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर धौली गंगा घाटी में स्थित मलारी गांव में “अंतिम एएनएम केंद्र” का उद्घाटन किया।
बाद में कैबिनेट मंत्री ने बाम्पा में स्थित “भारत के अंतिम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र” पहुंचकर वहां का निरीक्षण किया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बाम्पा के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों, चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों से काबीना मंत्री ने विस्तृत वार्ता की और उन्हें महत्वपूर्ण दिशा निर्देश भी दिए। सबसे खास बात यह है कि सबसे अंतिम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक भी अब एमबीबीएस चिकित्सक पहुंच गए हैं।
धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य केंद्रों पर साफ सफाई बेहतर रखने के निर्देश दिए और साथ ही किसी भी प्रकार की अवश्यकता होने पर उनसे निजी तौर पर संपर्क करने को कहा। मंत्री धन सिंह रावत का मानना है कि जब उत्तराखंड साल 2025 में अपने 25 वर्ष पूर्ण करेगा, तब तक प्रदेश के हर कोने में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुदृढ़ होनी चाहिए। इसी कड़ी में सरकार और स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत भी है। बहरहाल, सोमवार को इस दौरे के दौरान मंत्री रावत ने ग्रामीणों से भी भेंट कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम, अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।